• Shri Bhagavad Gita Chapter 12 | श्री भगवद गीता अध्याय 12 | श्लोक 16

  • Apr 16 2025
  • Length: 1 min
  • Podcast

Shri Bhagavad Gita Chapter 12 | श्री भगवद गीता अध्याय 12 | श्लोक 16

  • Summary

  • यह श्लोक श्रीमद्भगवद्गीता के बारहवें अध्याय (भक्तियोग) का 16वाँ श्लोक है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण अपने प्रिय भक्तों के गुणों का वर्णन करते हैं।

    "अनपेक्ष: शुचिर्दक्ष उदासीनो गतव्यथ:।
    सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्त: स मे प्रिय:॥"

    "जो व्यक्ति अनपेक्ष (निष्काम), शुद्ध, दक्ष, उदासीन (अलग रहने वाला), व्यथा (दुख) से रहित और समस्त कार्यों के आरंभ का त्यागी है, वह मेरा प्रिय भक्त है।"

    Show more Show less
adbl_web_global_use_to_activate_webcro768_stickypopup

What listeners say about Shri Bhagavad Gita Chapter 12 | श्री भगवद गीता अध्याय 12 | श्लोक 16

Average customer ratings

Reviews - Please select the tabs below to change the source of reviews.