परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना ( I ) Podcast By The New Life Mission cover art

परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना ( I )

परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना ( I )

By: The New Life Mission
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पानी और आत्मा का सुसमाचार परमेश्वर की धार्मिकता है! इस किताब के शब्द आपके हृदय की प्यास बुझाएँगे। आज के मसीही हरदिन जो पाप करते है उसके सच्चे समाधान को जाने बिना वे अपना जीवन जीते है। क्या आप जानते है की परमेश्वर की धार्मिकता क्या है? मैं आशा करता हूँ की आप खुद से यह प्रश्न पुछेंगे और परमेश्वर की धार्मिकता में विश्वास करेंगे, जो इस किताब में प्रगट की गई है। परमेश्वर की धार्मिकता पानी और आत्मा के सुसमाचार से है। फिर भी, मूल्यवान खजाने के जैसे उसे धार्मिक चेलों की नज़र से लम्बे समय से छूपा के रखा है। परिणाम के तौर पर, कई लोग परमेश्वर की धार्मिकता की जगह अपनी धार्मिकता पर निर्भर रहते है और अभिमान करते है। हालाँकि, मसीही सिध्धांत विश्वासियों के हृदय में मुख्य बात बने ऐसा नहीं लगता, जैसे की इस सिध्धांतो में परमेश्वर की धार्मिकता है। पूर्वनिर्धारणा, न्याय और क्रमिक पवित्रता के सिध्धांत मसीहियत के मुख्य सिध्धांत है, जो विश्वासियों के जीवन में परेशानी और खालीपन भर देते है। लेकिन अब, मसीहियों को परमेश्वर को जानना चाहिए, उनकी धार्मिकता के बारे में सीखना चाहिए और निश्चित विश्वास में आगे बढ़ना चाहिए। “हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना” आपको उत्तम समझ का आत्मा देगा और शांति की ओर आपको लेजर जाएगा। लेखक यह इच्छा रखते है की आप परमेश्वर की धार्मिकता को पहिचानने की आशीष प्राप्त करे। परमेश्वर की आशीष आपके साथ रहे!Copyright © 2003 by Hephzibah Publishing House Christianity Ministry & Evangelism Spirituality
Episodes
  • Ch1-1. रोमियों अध्याय १ का परिचय
    Dec 8 2022

    “रोमियों को प्रेरित पौलुस की पत्री” को बाइबल के खजाने के रूप में संदर्भित किया जा सकता है। यह मुख्य तौर पर इस बारे में बात करता है की कैसे कोई व्यक्ति पानी और आत्मा के सुसमाचार पर विश्वास करने के द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता को प्राप्त कर पाए। रोमियों की तुलना याकूब के पत्री से करते हुए, वह व्यक्ति जिसने पहले को ‘खजाने के वचन’ और बाद को ‘भूसे के वचन’ के रूप में परिभाषित किया। हालाँकि, याकूब की पत्री भी परमेश्वर का वचन है जैसे रोमियों की पत्री है। अन्तर केवल इतना है की रोमियों की पत्री बहुमूल्य है क्योंकि यह बाइबल के बारे में विस्तृत विवरण देता है, जबकि याकूब की पत्री इसलिए बहुमूल्य है क्योंकि यह धर्मी जन को परमेश्वर की इच्छा से जीवित रहने के बारे में बताता है।

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    43 mins
  • Ch1-2. परमेश्वर की धार्मिकता जो सुसमाचार में प्रकट हुई (रोमियों १:१६-१७)
    Dec 8 2022

    प्रेरित पौलुस मसीह के सुसमाचार से लज्जित नहीं हुआ। उसने प्रभावशाली रूप से सुसमाचार की गवाही दी। हालाँकि, कई लोगों के रोने का एक कारण यह है कि वे अपने पापों के करण यीशु में विश्वास करते हैं। यह परमेश्वर की धार्मिकता को स्वीकार करने में उनकी अज्ञानता के कारण भी है। हम परमेश्वर की धार्मिकता में विश्वास करने और अपनी धार्मिकता को त्यागने के द्वारा बचाए जा सकते हैं।
    प्रेरित पौलुस सुसमाचार से लज्जित क्यों नहीं हुआ? सबसे पहले, यह इसलिए था क्योंकि इसमें परमेश्वर की धार्मिकता प्रकट हुई थी।

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    34 mins
  • Ch1-3. विश्वास से धर्मी जन जीवित रहेगा (रोमियों १:१७)
    Dec 8 2022

    धर्मी कैसे जीते हैं? विश्वास से। धर्मी विश्वास से जीते हैं। वास्तव में, ‘विश्वास’ शब्द बहुत आम है, लेकिन यह बाइबल का मूल है। धर्मी केवल विश्वास से ही जीते हैं। धर्मी कैसे जीते हैं? वे परमेश्वर पर अपने विश्वास से जीते हैं। मुझे आशा है कि हम इस भाग से प्रबुद्ध हो जाएंगे क्योंकि हमारे पास देह है और पवित्र आत्मा हमारे अन्दर निवास करता हैं। हम बाइबल में छिपे वास्तविक अर्थों को नहीं जानते हुए, अपने स्वयं के विचारों से शास्त्रों की कई व्याख्या करते हैं, हालाँकि हम बाइबल को शाब्दिक रूप से समझ सकते हैं। हमारे पास एक साथ देह और आत्मा है। इसलिए, बाइबल कहती है कि हम, धर्मी, विश्वास से जीवित रहेंगे क्योंकि हमारे पास पापों की माफ़ी है।

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