• परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना (II)

  • By: The New Life Mission
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परमेश्वर की धार्मिकता जो रोमियों में प्रगट हुई - हमारा प्रभु जो परमेश्वर की धार्मिकता बना (II)

By: The New Life Mission
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  • परमेश्वर की धार्मिकता पारदर्शक है और वह मनुष्यों की धार्मिकता से अलग है। परमेश्वर की धार्मिकता पानी और आत्मा के सुसमाचार में प्रगट हुई है, जो यूहन्ना के द्वारा यीशु के बपतिस्मा और क्रूस पर उसके लहू के द्वारा परिपूर्ण हुई है। ज्यादा देर हो जाए उससे पहले हमें परमेश्वर की धार्मिकता पर विश्वास की ओर वापस मुड़ना चाहिए। क्या आप जानते है की क्यों यीशु को यूहना बपतिस्मा देनेवाले से बपतिस्मा लेना पडा? यदि यूहन्ना ने यीशु को बपतिस्मा नहीं दिया होता, तो हमारे पाप उसके ऊपर नहीं डाले जाते। यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला सबसे महान व्यक्ति था, और उसने यीशु को बपतिस्मा दिया था वह परमेश्वर के लिए जरुरी था की जिससे वह हमारे पापों को हमसे दूर करके यीशु पर डाल सके। यह सारी चीजो ने नया जन्म पाने के बारे में मेरी भूतकाल की समझ को बदल दिया, जब में केवल क्रूस के लहू को जानता था। परमेश्वर ने अब आपको सिखाया है की उसकी धार्मिकता क्या है जिससे हम पूरी रीति से उसकी धार्मिकता को जान सके और विश्वास कर सके। मैं इस सारे आशीषो के लिए परमेश्वर का आभारी हूँ।
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Episodes
  • Ch7-1. अध्याय ७ का परिचय
    Dec 8 2022

    इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उसके छुटकारे से पहले उसके शरीर को परमेश्वर की व्यवस्था के द्वारा मौत की सजा दी गई थी, प्रेरित पौलुस ने विश्वास का अंगीकार किया कि वह यीशु मसीह में विश्वास करके, पाप के लिए मर गया था। इससे पहले कि हम परमेश्वर की धार्मिकता को प्राप्त करे—अर्थात, नया जन्म लेने से पहले—हम में से जो मसीह में विश्वास करते हैं, व्यवस्था के प्रभुत्व और अभिशाप के अधीन रहते थे। इस प्रकार, यदि यीशु मसीह से मुलाक़ात करने के द्वारा हमें हमारे पापों से मुक्त नहीं किया गया होता, जो हमें परमेश्वर की धार्मिकता के पास लेकर आया, तो व्यवस्था का हम पर प्रभुत्व होता।

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  • Ch7-2. पौलुस के विश्वास का तात्पर्य: पाप के लिए मरने के बाद मसीह के साथ जुड़ जाए (रोमियों ७:१-४)
    Dec 8 2022

    क्या आपने कभी सूत का उलझा हुआ बंडल देखा है? यदि आप यीशु के बपतिस्मा की सच्चाई को जाने बिना इस अध्याय को समझने का प्रयास करते हैं जिसमें प्रेरित पौलुस ने विश्वास किया था, तो आपका विश्वास केवल पहले की तुलना में अधिक भ्रम की स्थिति में होगा।
    पौलुस इस अध्याय में कहता है कि क्योंकि हर कोई परमेश्वर की व्यवस्था के सामने पूरी तरह से पापी है इसलिए कोई व्यक्ति यीशु मसीह के पास तभी जा सकता है और नया जन्म पा सकता है जब उसकी आत्मिक मृत्यु हो जाए।

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  • Ch7-3. हम प्रभु की स्तुति क्यों कर सकते है उसका कारण (रोमियों ७:५-१३)
    Dec 8 2022

    मैं उस प्रभु की स्तुति करता हूँ जिसने मुझे फिर से परमेश्वर के अनमोल लोगों से मिलने के लिए प्रेरित किया है। मुझे आज तक एक खुशहाल जीवन जीने की आशीष देने के लिए मैं उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। परमेश्वर हमेशा मेरे साथ रहे हैं और मुझ पर दया की है, फिर भले ही कई बार मैंने निराश को महसूस किया, कई अलग-अलग अवसरों पर अपने भीतर कठिनाइयों, पीड़ा और कमजोरियों का अनुभव किया। वह जीवित रहा है और मेरे जीवन भर मेरे साथ रहा, मेरी परेशानियों और खुशियों दोनों में। ऐसा कोई अवसर नहीं था जब उसने मुझे अकेला छोड़ दिया, एक पल के लिए भी नहीं।

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