प्रकाशितवाक्य की किताब पर टिप्पणी और उपदेश - क्या मसीह विरोधी, शहादत, रेप्चर और हजार साल के राज्य का समय नज़दीक है? (II) Podcast By The New Life Mission cover art

प्रकाशितवाक्य की किताब पर टिप्पणी और उपदेश - क्या मसीह विरोधी, शहादत, रेप्चर और हजार साल के राज्य का समय नज़दीक है? (II)

प्रकाशितवाक्य की किताब पर टिप्पणी और उपदेश - क्या मसीह विरोधी, शहादत, रेप्चर और हजार साल के राज्य का समय नज़दीक है? (II)

By: The New Life Mission
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आज कई मसीही महाक्लेश के पहले के रेप्चर पर विश्वास करते है। वे इस झूठे सिध्धांत पर विश्वास करते है जो उनको सिखाता है की सात साल के महाक्लेश से पहले उनको उठा लिया जाएगा उसके कारण, वे निष्क्रिय धार्मिक जीवन जीते है जोई उनको पल भर का आत्मसंतोष देता है। लेकिन संतो का रेप्चर तो केवल सात तुरहियाँ की महामारी के बाद ही होगा जो छः महामारी तक चलता रहेगा – मसीह विरोधी वैश्विक महामारी में शामिल होगा और नया जन्म पाए हुए संत शहीद होंगे, और जब सातवीं तुरही फूंकी जाएगी तब रेप्चर होगा। यह वो समय है जब यीशु स्वर्ग में से निचे आएगा, और नया जन्म पाए हुए संतो का पुनरुत्थान और रेप्चर होगा (१ थिस्सलुनीकियों ४:१६-१७)। इस दिन, दुनिया के सारे लोग अपने अनन्त भविष्य के मार्ग पर खड़े होंगे। धर्मी जन जो “पानी और आत्मा के सुसमाचार” पर विश्वास करने के द्वारा नया जन्म पाया है वह पुनरुत्थान पाएगा और उसका रेप्चर होगा, और ऐसे वह हजार साल के राज्य का और स्वर्ग के अनन्त राज्य का वारिस बनेगा, लेकिन पापी जिसने पहले पुनरुत्थान में हिस्सा नहीं लिया वह परमेश्वर के द्वारा उन्डेले गए सात कटोरे से शीक्षा पाएगा और उसे अनंतकाल के लिए नरक की आग में डाला जाएगा। इसलिए, आपको अब सारे प्रकार के धार्मिक सिध्धांतो से और जगत के प्रलोभन और झूठी बातों से बहार आना चाहिए और परमेश्वर के सच्चे वचनों में प्रवेश करना चाहिए। मैं आशा करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ की पानी और आत्मा के सुसमाचार पर लिखी मेरी किताबों की शृंखला को पढ़ने के द्वारा, आप अपने पापों से शुध्ध होने का और निडरता से हमारे प्रभु के दुसरे आगमन का स्वीकार करने की आशीष प्राप्त करो।Copyright © 2022 by Hephzibah Publishing House Christianity Ministry & Evangelism Spirituality
Episodes
  • Ch8-1. वह तुरहियाँ जो सात विपत्तियाँ की घोषणा करती है (प्रकाशितवाक्य ८:१-१३)
    Dec 8 2022

    प्रकाशितवाक्य ८ में उन विपत्तियों को दर्ज किया है जिन्हें परमेश्वर इस पृथ्वी पर लाएगा। यहां सबसे महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक यह है कि संतों को उन लोगों में शामिल किया जाएगा या नहीं जो इन विपत्तियों से पीड़ित होंगे। बाइबल हमें बताती है कि संत भी सात तुरहियों की विपत्तियों से गुजरेंगे। सात विपत्तियों में से, वे अंतिम विपत्ति को छोड़कर सभी से गुजरेंगी। इस अध्याय में प्रकट होने वाली सात तुरहियों की ये विपत्तियाँ वास्तविक विपत्तियाँ हैं जिन्हें परमेश्वर इस पृथ्वी पर लाएगा। परमेश्वर हमें बताता है कि वह संसार को उन विपत्तियों से दण्डित करेगा जो स्वर्गदूतों द्वारा सात तुरहियाँ फूंकने से शुरू होंगी।
    वचन १: “जब उसने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में आधे घण्टे तक सन्नाटा छा गया।”
    यह मनुष्यजाति पर परमेश्वर के क्रोध के उण्डेले जाने से ठीक पहले की शांति को दर्शाता है। परमेश्वर अपनी भयानक विपत्तियों को पृथ्वी पर लाने से पहले कुछ समय के लिए मौन रहेगा। यह हमें दिखाता है कि सात तुरहियों की उसकी विपत्तियाँ कितनी भयानक और भयंकर होंगी। जब मनुष्यजाति इन विपत्तियों से गुज़रने के बाद परमेश्वर के सामने खड़ी होगी तब जिन्होंने उद्धार पाया हैं उन्हें अनन्त जीवन मिलेगा, लेकिन जिन्होंने उद्धार नहीं पाया उन्हें अनन्त दंड मिलेगा। इस प्रकार, यह समझते हुए कि यह समय किस प्रकार का है, हमें जागते रहना चाहिए और प्रचारकों का कार्य करना चाहिए।

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  • Ch8-2. क्या सात तुरही की विपत्तियाँ शाब्दिक है? (प्रकाशितवाक्य ८:१-१३)
    Dec 8 2022

    प्रकाशितवाक्य ५ में सात मुहरों से मुहरबंद एक पुस्तक दिखाई देती है, जिसे यीशु ने ले लिया। इसका अर्थ यह था कि इस प्रकार यीशु को परमेश्वर का सारा अधिकार और सामर्थ सौंपी गई थी, और वह तब से परमेश्वर की योजना के अनुसार संसार का नेतृत्व करेगा। प्रकाशितवाक्य ८ इस सन्दर्भ के साथ खुलता है, “जब उसने सातवीं मुहर खोली, तो स्वर्ग में लगभग आधे घंटे तक सन्नाटा रहा। और मैं ने उन सात स्वर्गदूतों को देखा जो परमेश्वर के साम्हने खड़े हैं, और उन्हें सात तुरहियां दी गई हैं।” यीशु इस प्रकार पुस्तक की सातवीं मुहर खोलता है, और हमें आने वाली चीजें दिखाता है।
    अध्याय ८ हमें यह बताते हुए शुरू होता है कि सात तुरहियों की विपत्तियाँ पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं से शुरू होंगी। वचन ६ से आगे अध्याय सात तुरहियों की विपत्तियों के बारे में बात करता है जो इस संसार में लाई जाएंगी।

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  • Ch9-1. अथाह कुंड की विपत्ति (प्रकाशितवाक्य ९:१-२१)
    Dec 8 2022

    वचन १: जब पाँचवें स्वर्गदूत ने तुरही फूँकी, तो मैं ने स्वर्ग से पृथ्वी पर एक तारा गिरता हुआ देखा, और उसे अथाह कुण्ड की कुंजी दी गई।
    कि परमेश्वर ने स्वर्गदूत को अथाह गड्ढे की कुंजी दी, इसका मतलब है कि उसने मनुष्य जाति पर नरक के रूप में एक भयानक विपत्ति लाने का फैसला किया।
    अथाह गड्ढे को पाताल भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है अंतहीन गहराई का स्थान। पृथ्वी पर रहने वाले मसीह विरोधी, उसके अनुयायिओं और धर्मियों के विरुद्ध खड़े होने वालों को कष्ट पहुँचाने के लिए, परमेश्वर अथाह गड्ढे को खोलेगा। इस अथाह गड्ढे की कुंजी पांचवें स्वर्गदूत को दी गई है। यह एक भयानक विपत्ति है जो खुद नर्क की तरह भयावह है।
    वचन २: उसने अथाह कुण्ड को खोला, और कुण्ड में से बड़ी भट्ठी का सा धुआँ उठा, और कुण्ड के धुएँ से सूर्य और वायु अन्धकारमय हो गए।

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