Episodes

  • US-China के Tariff War में India के लिए Opportunity और JD Vance का Offer: पढ़ाकू नितिन, Ep 198
    Apr 21 2025
    अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ़ वॉर शुरू हो गया. ट्रंप का सपना था – “Make America Great Again”, यानी अमेरिका फिर से मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बने. उन्हें खल रहा था कि चीन से तीन गुना ज़्यादा सामान मंगवाकर अमेरिका व्यापार घाटा झेल रहा है. उनके लिए ये सिर्फ आर्थिक नहीं, “इगो” का भी मामला था. इसलिए 2 अप्रैल को ट्रंप ने 90 देशों के सामान पर भारी टैक्स लगा दिए और इस दिन को Liberation Day कहा – विदेशी माल से आज़ादी का दिन. चाहे चीन के मोबाइल पार्ट्स हों, यूरोप की कारें, भारत की दवाइयाँ या मैक्सिको की मशीनें – सब महंगे हो गए हैं. लक्ष्य है: विदेशी कंपनियाँ हटें, अमेरिकी कंपनियाँ बढ़ें. लेकिन सवाल ये है – क्या अमेरिकी लोग महंगे लोकल सामान को चुनेंगे? क्या अमेरिका फिर से उत्पादन में अग्रणी बन पाएगा? इन्हीं सवालों पर बात करेंगे अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रकाश के रे से.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    1 hr and 9 mins
  • Ex Army Chief ने बताया India China Galwan Face Off का सच और Agniveer के फायदे: पढ़ाकू नितिन, Ep 197
    Apr 17 2025
    भारत के 28वें सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे हमारे साथ हैं, उनका सफर एक कैडेट से लेकर सेना प्रमुख बनने तक और अब लेखक के रूप में एक नई भूमिका में प्रवेश करना, कई ऐतिहासिक पड़ावों से होकर गुज़रा है. इस एपिसोड में हमने बात की गलवान संकट, ऑपरेशन स्नो लेपर्ड, LAC पर चीन से तनाव, अग्निवीर योजना, श्रीलंका में भारत की रणनीति और पाकिस्तान की सेना से हमारी तुलना पर. साथ ही चर्चा की उनकी नई किताब "The Cantonment Conspiracy", जो एक रोमांचक मिलिट्री थ्रिलर है.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    1 hr and 48 mins
  • Nuclear Test के पहले का डर, Atal Bihari Vajpayee की Lahore Bus यात्रा और ISI की साजिश: पढ़ाकू नितिन, Ep 196
    Apr 10 2025
    भारत और पाकिस्तान के रिश्ते हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं—विभाजन से लेकर युद्धों और कारगिल तक और उसके बाद भी. 'पढ़ाकू नितिन' में हमारे साथ हैं पूर्व राजनयिक शरत सभरवाल, जिन्होंने पाकिस्तान में भारत के डिप्टी और फिर हाई कमिश्नर के रूप में काम किया. वे हमें बताते हैं कि भारत-पाक संबंध क्यों सामान्य नहीं हो सकते, कैसे उन्होंने पाकिस्तान के जासूसों को चकमा दिया और बलूचिस्तान की आज़ादी की मांग कैसे पाकिस्तान के लिए चुनौती बनती जा रही है. हम बलूच आंदोलन के इतिहास, नवाब बुगती की हत्या और भारत की भूमिका पर भी चर्चा करते हैं, सुनिए ये बातचीत जो पाकिस्तान की आंतरिक राजनीति, जासूसी तंत्र और अलगाववाद को गहराई से समझने में मदद करेगी.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    1 hr and 41 mins
  • Waqf Law का पूरा सच, Muslims का फायदा-नुकसान और Modi का Masterstroke: पढ़ाकू नितिन, Ep 195
    Apr 7 2025
    12वीं सदी में मोहम्मद गोरी ने जब भारत में सत्ता स्थापित की, तो वक्फ़ की परंपरा भी शुरू हुई. आज वक्फ़ सिर्फ़ एक धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी ज़मीन की मालिक है — करीब 9.4 लाख एकड़. अब वक्फ़ क़ानून में बदलाव हो चुका है — Waqf (Amendment) Act, 2025 पास हो गया है और इसके साथ कई सवाल भी उठ रहे हैं. क्या ये संशोधन धार्मिक आज़ादी पर असर डालेगा? क्या इससे मुसलमानों की ज़मीनें ख़तरे में पड़ेंगी? इन्हीं सवालों पर बात करने हमारे साथ हैं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट संजय घोष.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    1 hr and 12 mins
  • Pakistan Army की दरिंदगी, Taliban का साथ और Iran से नफरत पर क्या बोले Germany में बैठे बलूच नेता: पढ़ाकू नितिन, Ep194
    Apr 3 2025
    बलूचिस्तान की आज़ादी की गूंज दुनिया भर में सुनाई दे रही है और ऐसी ही एक बुलंद आवाज़ हैं मुमताज़ बलोच. तुरबत से ताल्लुक रखने वाले मुमताज़ फिलहाल जर्मनी में निर्वासन का जीवन बिता रहे हैं. छात्र जीवन से ही आज़ादी की तहरीक से जुड़े, पहले बलूच स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन फ्रीडम के सदस्य रहे और अब फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट का हिस्सा हैं.

    इस पॉडकास्ट में हमने मुमताज़ से पूछा – ईरान से आज़ादी की मांग क्यों उतनी ज़ोर से नहीं उठती जितनी पाकिस्तान से? बाग़ियों को हथियार कहां से मिलते हैं? उन्हें पाकिस्तान से भागने की नौबत क्यों आई? और बलूचिस्तान को दुनिया से कैसी मदद की उम्मीद है?
    Show more Show less
    1 hr and 34 mins
  • बलूचिस्तान और पाकिस्तान को इस्लाम क्यों नहीं बांध पाया और ये लड़ाई कब तक चलेगी?: पढ़ाकू नितिन, Ep 193
    Mar 27 2025
    पाकिस्तान को बने अभी सौ साल भी नहीं हुए, लेकिन बलूचिस्तान का इतिहास हज़ारों साल पुराना है. आज की हकीकत यह है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का हिस्सा है, लेकिन 1947 से ही वहां के लोग आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. बलूचिस्तान नेशनल मूवमेंट इसी संघर्ष का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य हर हाल में एक स्वतंत्र बलूचिस्तान है. इस संगठन के सीनियर ज्वाइंट सेक्रेटरी, कमाल बलोच, जो सुरक्षा कारणों से अपनी लोकेशन उजागर नहीं कर सकते उन्होंने पढ़ाकू नितिन से वर्चुअल बातचीत में बताया कि वे बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग क्यों मानते हैं और जिन्ना ने कैसे उन्हें धोखा दिया. इस एपिसोड में हमने जाना कि इस आंदोलन की फंडिंग कैसे होती है, चीन की मौजूदगी ने इसे कितना मुश्किल बना दिया है, और क्यों कमाल बलोच, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस को अपना हीरो मानते हैं.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    1 hr and 3 mins
  • Tejashwi Yadav की Leadership, Manoj Jha की Favorite Films और Socialism का Future: पढ़ाकू नितिन, Ep 192
    Mar 20 2025
    इस बार हमने बात की राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा से—जिनकी आवाज़ संसद में गूंजती है तो लोग ध्यान से सुनते हैं और सोशल मीडिया पर लाखों लोग देखते हैं. उनके घर पहुंचे तो राजनीति पर चर्चा की उम्मीद थी लेकिन सैकड़ों किताबों और फिल्मी पोस्टरों से घिरे कमरे ने हमें चौंका दिया। बातचीत राजनीति, सिनेमा और किताबों के बीच घूमती रही. मज़ाक और हंसी के बीच हमने तीखे सवाल भी पूछे—गरीबों से जुड़े मुद्दों पर जनता क्यों नहीं जुड़ती, राजनीतिक दलों में लोकतंत्र क्यों नहीं है और संसद में समोसे कितने के मिलते हैं?

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    1 hr and 36 mins
  • Tipu की France से करीबी, Ram नाम की अंगूठी और India को Muslim देश बनाने का प्लान : पढ़ाकू नितिन, Ep 191
    Mar 13 2025
    हमारी खास बातचीत हुई इतिहासकार विक्रम संपत से, जिन्होंने Tipu Sultan: The Saga of Mysore's Interregnum लिखी है. यह सिर्फ़ टीपू सुल्तान नहीं, बल्कि उनके पिता हैदर अली की कहानी भी बताती है. हमने इस पर दो एपिसोड रिकॉर्ड किए और यह दूसरा भाग है. पहले भाग में हैदर अली की चर्चा हुई थी, अब पूरी बातचीत टीपू पर केंद्रित होगी.

    इस एपिसोड में हमने विक्रम से पूछा—टीपू ने फ्रांस को क्यों चुना? वे मुग़लों से तमगा क्यों चाहते थे? 'राम नाम' की अंगूठी का सच क्या है? और एक समुदाय दीवाली क्यों नहीं मनाता?

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
    Show more Show less
    48 mins
adbl_web_global_use_to_activate_webcro768_stickypopup