अपने ख्याल but different ज़ुबान Podcast By  cover art

अपने ख्याल but different ज़ुबान

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 कविता हो नज़्म या ख्याल हर रूप और हर भाषा में खूबसूरत होते हैं। जब हम अपने ख्याल में होते हैं तो, हमारे अल्फाज़ हमारा संसार बन जाते हैं। उन्हीं जज़्बातों को कविता, नज़्म या ख्याल में सुनिये आज के इस स्पेशल एपिसोड में। हर बृहस्पतिवार रात 8:30 बजे हमसे जुड़िये लाइव मेंतज़ा पर और खो जाईये शायरी और कविताओं के संसार में।

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